Tuesday, December 23, 2008

नकली पथ-प्रदर्शक

मैं ख़ुद हूँ अपनी तलाश मैं, है मेरा कोई रह-गुज़र नही,
और वो क्या दिखायेंगे मुझे रास्ता, जिन्हें ख़ुद अपना पता
नहीं...

1 comment:

Anonymous said...

one of the finest